Arun Kumar Sandey

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कमला नेहरू महाविद्यालय की विवादित सहायक प्राध्यापिका और उसके पिता पर दर्ज हुई एफआईआर, जानें क्या है पूरा मामला

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( वरिष्ठ पत्रकार दीपक साहू )

कोरबा: 26 जुलाई 2024 ( बोल छत्तीसगढ़ ) जिला पंचायत भवन के सभागार में राज्य महिला आयोग की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें पुरानी बस्ती निवासी आवेदिका और अनावेदिका कमला नेहरू महाविद्यालय की विवादित सहायक प्राध्यापिका खुशबू राठौर भी शामिल हुई थी ।

आवेदिका का आरोप है कि सहायक प्राध्यापिका ने नवंबर 2019 को रंजिश वश उसके पति के खिलाफ छेड़छाड़ का फर्जी एफआईआर दर्ज कराई थी । लिहाजा उसने भी खुशबू राठौर के विरुद्ध महिला आयोग में शिकायत की थी जिसकी सुनवाई के लिए वो अपने पति के साथ आयोग की बैठक में आई थी ।

भीतर चल रही थी आयोग की सुनवाई और बाहर अनावेदिका ने कर दिया हमला

प्रकरण की सुनवाई के बाद जैसे ही वो अपने पति के साथ सभागार से बाहर आई , क्वार्टर नं B-3 , नारायणी हाइट्स, सीतामणी निवासी अनावेदिका खुशबू राठौर और उसके पिता दिलीप साव ने उन दोनों के साथ अश्लील गाली गलौच शुरू कर दिया। इतने में अनावेदिका खुशबू राठौर ने आवेदिका के पति पर ना केवल लात घूसों से हमला किया बल्कि पेन की नोक से उनके चेहरे पर भी वार कर दिया। उसका मकसद आंखों को चोट पहुंचाना था लेकिन चेहरा बचाने के लिए उन्होंने सिर को पीछे की ओर झुकाया तो पेन की नोक उनके सीने में घुस गया ।

विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस ने दर्ज किया मामला

इस घटना से बुरी तरह आहत और भयभीत आवेदिका और उसके पति ने तत्काल सिविल लाइन थाने पहुंचकर आरोपी खुशबू राठौर और उसके पिता दिलीप साव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई । जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा  296, 115(2), 351(2), 3 (5) के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है ।

अपने ही छात्र के खिलाफ छेड़छाड़ की झूठी F.I.R.

आवेदिका ने कहा कि उसके पति साल 2017-19  में कमला नेहरू महाविद्यालय में बीएड के प्रशिक्षार्थी रहे हैं, लेकिन सहायक प्राध्यापिका खुशबू राठौर ने उन्हें  इमोशनली ब्लैकमेल करके उनका हर तरह से शोषण किया और बाद में उनके ही खिलाफ छेड़छाड़ की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी। वो एक ऐसी प्राध्यापिका निकली जिसने अपने ही छात्र के भविष्य को बरबाद कर दिया।

कोई छात्र अपनी ही शिक्षिका को प्रताड़ित करे ये बात गले नही उतरती । स्कूल कॉलेजों में विद्यार्थी शिक्षकों के अधीन होते हैं ना कि शिक्षकगण विद्यार्थियों के । अगर मान भी लें कि सहायक प्राध्यापिका खुशबू राठौर से उसके पति ने कहीं कोई दुर्व्यवहार किया तो वो उसे घर मे आकर बता सकती थी क्योंकि उसका अक्सर हमारे घर मे आना-जाना और खाना- पीना होता था । या फिर शिक्षा संकाय के विभागाध्यक्ष या फिर महाविद्यालय की तत्कालीन प्रभारी प्राचार्या या फिर महाविद्यालय में गठित अनुशासन समिति या फिर महिला उत्पीड़न समिति में शिकायत करके उसके पति को कॉलेज से रस्टीकेट भी करवा सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया बल्कि S.S. प्लाजा कोरबा स्थित एसेल इंग्लिश लर्निंग सेंटर के संचालक धर्मेंद्र पांडेय के साथ मिलकर उसके पति को बदनाम करने की नीयत से झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची जिसमें सहायक प्राध्यापिका के पिता दिलीप साव ने भी उनका पूरा साथ दिया।

विवादित महिला प्रोफेसर को महाविद्यालय प्रबंधन का पूरार समर्थन

सहायक प्राध्यापिका खुशबू राठौर के खिलाफ शिकायत करने वाली ये कोई पहली इंसान नहीं है । इसके पहले भी उक्त  महिला के खिलाफ वहीं के स्टाफ और स्टूडेंट्स ने अनेक शिकायतें की हैं लेकिन महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा उसे खुली छूट दे दी गयी है।

बहरहाल इस मामले में पुलिस ने सहायक प्राध्यापिका खुशबू राठौर और उसके पिता दिलीप साव के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर लिया है । पुलिस बहुत जल्द दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत करने की बात कह रही है।

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