Arun Kumar Sandey

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झोलाछाप डॉक्टर ने पहुंचाया  मौत के करीब , जे.पी. सर्जिकल के डाॅक्टर कंवर ने बचाई जान

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गैर कानूनी प्रेक्टिस और गलत इलाज से आम जनता को जान का जोखिम

आखिर झोलाछाप से कब उबरेगी जनता और कौन-कौन है इसके लिए जिम्मेदार ?

कोरबा,9 मार्च 2025 : छत्तीसगढ़ में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा के लिए बड़ी-बड़ी अस्पतालें हैं , छोटी से बड़ी बिमारियों के ईलाज के लिए अच्छे से अच्छे विशेषज्ञ चिकित्सक सेवा दे रहें हैं, फिर भी बहुत सारे लोग जानकारी के आभाव में या फिर रूपयों की कमी के कारण झोलाछाप डॉक्टरों से ईलाज कराने के लिए मजबूर हैं, इनकी इस मजबूरी का फायदा उठाकर कुछ बिना डिग्री, बिना शिक्षा और जानकारी के झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा गलत इलाज किया जाता रहा है समय-समय पर शासन के द्वारा इनके विरुद्ध कार्यवाही भी की जाती रहीं हैं , जिसमें इनके अवैध क्लिनिक को बंद भी कराया गया और इनके द्वारा यह शासन को आस्वस्त कराया गया था कि इनके द्वारा पुनः इस प्रकार से प्रैक्टिस नहीं किया जाएगा किन्तु वक्त की रेत में ऐसी सारी बातें दफ्न हो गई और जगह-जगह झोलाछाप डॉक्टरों ने फिर से अपनी साख तैयार कर ली ,ऐसी ही एक घटना कोरबा जिले के दीपका थाना क्षेत्र अंतर्गत विजय नगर से सामने आयी है, दीपक श्रीवास नामक एक कथित डाॅक्टर या फिर हम इसे सर्जन कहें जिसने बिना सर्जरी की डिग्री पाए एक व्यक्ति की हार्निया का इलाज हाइड्रोसील समझकर कर दिया बिना जांचे बिना सोनोग्राफी के अंतर्यामी बनकर ऐसा इलाज कर दिया की आज पीड़ित व्यक्ति के कुछ अंदरुनी हिस्से सड़ गये थे, पीड़ित मरीज़ की जान बचाने के लिए कुछ बड़ी आंत, छोटी आंत व एक अण्डकोश को काटने के बाद बचाया जा सका और पेट के रास्ते मलद्वार बनाया गया , उक्त झोलाछाप कथित डाॅक्टर दीपक श्रीवास व उसके पिता ने अपने अपराध छुपाने के लिए पीड़ित पछ को इलाज करवाने के लिए एक एग्रीमेंट भी कराया है, ताकि पीड़ित व्यक्ति उसके विरुद्ध कार्यवाही की मांग न कर सके पीड़ित व्यक्ति के भतिजे के द्वारा यह भी बताया गया है की तीन अलग-अलग एग्रीमेंट बनवाया गया है, शायद ! अपराध छुपाने के लिए एग्रीमेंट जो कराया गया वहां तब मरीज़ स्वस्थ हालत में नहीं था, वह एडमिट था, उसके घरवालों को इलाज का प्रलोभन देकर यह कृत्य किया गया ।

ध्यान देने योग्य बातें :-
1 बिना वैध डिग्री के सर्जिकल प्रैक्टिस किया गया।
2 गलत इलाज से पीड़ित व्यक्ति जिंदगी और मौत के बीच फंसा।
3 अपराध छुपाने के लिए बिमार व्यक्ति व परिवार वालों से कराया एग्रीमेंट।
4 नोटरी के समक्ष नहीं बल्कि अस्पताल में टाइपिंग वाले के माध्यम से कराया एग्रीमेंट प्रमाणित।
5 कथित डाॅक्टर दीपक श्रीवास अपने घर पर ही संचालित करता है क्लिनिक और आपरेशन थियेटर।                           6 हार्नियां को जान नहीं पाया और हाइड्रोसील का आपरेशन कर दीया।                                                                         7 आपरेशन करने से पहले नहीं किया कोई भी जांच।

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