मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का बजट 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रूपये किया गया
कोरबा में मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित
कोरबा 10 सितंबर 2025 : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के बाद आज की यह प्रथम बैठक एक नए संकल्प और दृष्टिकोण के साथ आयोजित हो रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के कल्याण और समग्र विकास के लिए सरकार सभी ठोस कदम उठा रही है। विकास कार्यों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने मध्य क्षेत्र अंतर्गत निवासरत अनुसूचित जनजाति समुदाय के बेहतर विकास के लिए प्राधिकरण की बजट राशि 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रूपये करने की घोषणा की।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, श्री विजय शर्मा, उपाध्यक्ष मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण श्री प्रणव कुमार मरपच्ची, मंत्रीगण- श्री रामविचार नेताम, श्री दयालदास बघेल, श्री केदार कश्यप, श्री लखनलाल देवांगन, श्री श्याम बिहारी जायसवाल, श्री ओ.पी.चौधरी, श्री टंकराम वर्मा, श्री गजेन्द्र यादव, श्री गुरू खुसवंत साहेब, श्री राजेश अग्रवाल, सांसद लोकसभा राजनांदगांव श्री संतोष पाण्डेय सहित विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यगण, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, श्री मनोज पिंगुआ, प्राधिकरण के सचिव श्री बसव राजू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी.दयानंद, बिलासपुर संभागायुक्त श्री सुनील जैन, प्रभारी आईजी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी.श्रीनिवास राव, कलेक्टर कोरबा अजीत वसंत सहित अन्य जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने प्राधिकरणों की पुनर्गठन–
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर, सरगुजा और मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरणों के साथ-साथ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों का गठन कर समावेशी विकास की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्राधिकरणों का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और जनसुविधाओं को हर गाँव, हर परिवार तक पहुँचाना है। पूर्ववर्ती सरकार की लचर कार्यप्रणाली के कारण प्राधिकरणों के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी थी। निगरानी के अभाव में कई योजनाएँ धरातल पर नहीं उतर पाईं। हमारी सरकार ने इस स्थिति को बदलने के लिए प्राधिकरणों का पुनर्गठन किया है। प्राधिकरण में जनप्रतिनिधित्व को और व्यापक करने के लिए सदस्यों की संख्या में वृद्धि की गई है। अब प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा और लोकसभा सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि इसके सदस्य बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, आदिवासी विकास के क्षेत्र में कार्यरत दो समाजसेवियों और विशेषज्ञों को प्राधिकरण का सदस्य मनोनीत करने का निर्णय लिया गया है, ताकि उनके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ विकास योजनाओं को मिल सके। उन्होंने प्राधिकरण के पुराने अपूर्ण कार्यों को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
पीएम जनमन योजना ने खोलीं जनजातीय क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएँ मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएँ लागू करने पर सरकार विशेष जोर दे रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शुरू की गई धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन योजना ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएँ खोली हैं। इन योजनाओं के तहत आवास, सड़क, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढाँचों का विकास तेजी से किया जा रहा है।
और मजबूत होंगी महिला स्वसहायता समूह
श्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र में आदिवासी महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए हम स्व-सहायता समूहों को और मजबूत करने पर बल दे रहे हैं। इन समूहों के माध्यम से महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण, ऋण सुविधाएँ और बाजार से जोड़ने की पहल की जाए, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। मध्य क्षेत्र के युवाओं के लिए तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार और स्व-रोजगार के लिए तैयार किया जाए।
जन जातीय संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित रखने में प्राधिकरण मुख्य भूमिका होगी- श्री शर्मा
श्री विजय शर्मा उप मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनजाति संस्कृति समृद्ध है। हमें जन जातीय संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित रखने की दिशा में कार्य करना होगा। विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए व्यवस्थाएं करने में प्राधिकरण मुख्य भूमिका निभायेगा। श्री शर्मा ने आदिवासी समाज के लोगों को शराब छोड़ने के लिए प्रेरित करने हेतु पुनर्वास सेंटर, प्रारंभिक शिक्षा, खेल एवं विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के खेतों में सिंचाई के लिये स्थायी पंप कनेक्शन लगवाने के सुझाव दिए।
कोरबा में प्राधिकरण की बैठक आदिवासी विकास के लिए सरकार की प्राथमिकता का प्रमाण -श्री साव
श्री अरूण साव उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय स्वयं पूरी सरकार के साथ बैठक करने कोरबा आये हैं। 30 नवंबर 2019 के बाद यह बैठक नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री स्वयं अनुसूचित क्षेत्र में जाकर बैठक कर रहे हैं। यह उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है। यह सरकार हमने बनाया है और हम ही संवारेंगे के संकल्प के साथ विकास कार्यों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। विष्णु देव सरकार सुशासन और विकास की परिचायक है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री प्रणव कुमार मरपच्ची ने कहा कि बजट की राशि बढ़ाये जाने से आदिवासी बाहुल क्षेत्र में विकास कार्यों में वृद्धि होगी। अन्य मंत्रियों, विधायकों तथा जिला पंचायतों के अध्यक्षों ने भी बैठक में अपने सुझाव दिए।
शिक्षा, खेल, पर्यटन और सिंचाई योजनाओं कोरबा को मिली बड़ी सौगात
शिक्षा और खेल को बढ़ावा
मुख्यमंत्री श्री साय आदिवासी बच्चों और युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए ने विशेष घोषणाएँ की गईं।
मुख्यमंत्री ने कोरबा में बालक-बालिका क्रीड़ा परिसर के निर्माण और संचालन के लिए 10-10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। इसी तरह विशेष पिछड़ी जनजातियों के खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने दो बालक-बालिका खेल परिसरों के लिए भी 10-10 करोड़ रुपए की घोषणा मुख्यमंत्री ने की। श्री साय ने विशेष पिछड़ी जनजाति के विद्यार्थियों के लिए आवासीय विद्यालय स्थापित करने हेतु 5 करोड़ रुपए स्वीकृत करने की भी घोषणा की।
आधारभूत संरचना और पर्यटन को बढ़ावा
मुख्यमंत्री श्री साय ने कोरबा शहर में आवागमन को सुव्यवस्थित करने के लिए महत्वपूर्ण सुनालिया पुल निर्माण हेतु 9 करोड़ रुपए की घोषणा भी की। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुका-सतरेंगा पर्यटन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को 2 माह के भीतर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।
सिंचाई परियोजनाओं को मिली नई रफ्तार
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2015 से पहले की 115 अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 2800 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर लगभग 76 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के दिए निर्देश-
मध्यक्षेत्र आदिवासी प्राधिकरण के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 32 करोड़ 67 लाख रूपये के 544 विकास कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिसमें 539 कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में 32 करोड़ 72 लाख रूपये के कुल स्वीकृत 491 कार्यो में से 482 कार्य पूर्ण, वर्ष 2023-24 में 32 करोड़ 67 लाख रूपये के कुल स्वीकृत 464 कार्यो में से 424 कार्य पूर्ण, वर्ष 2024-25 में 48 करोड़ 28 लाख के कुल स्वीकृत 508 कार्यो में 123 कार्य पूर्ण कर लिए गए है, एवं शेष कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।