Arun Kumar Sandey

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विधिक जागरुकता शिविर का किया गया आयोजन

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किसी भी समाज के सफल संचालन हेतु कानून आवश्यक है: विक्रम प्रताप चन्द्रा

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16 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का होगा आयोजन

कोरबा 13 दिसंबर 2023 ( बोल छत्तीसगढ़ ) जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा श्री बीएल कटवार, के मागदर्शन एवं निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा विद्यालय-महाविद्यालय में नियमित रूप से विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
इसी कड़ी में केसीसी में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट श्री विक्रम प्रताप चन्द्र द्वारा छात्रों को जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रायः सभी कानून के नाम सुनते है एवं उसका अर्थ अपराध से लगाते है। उन्होंने बताया कि विधि के विपरीत कार्य करना अपराध होता है, चाहे व जाने अनजाने में क्यों न हो। किसी भी समाज के सफल संचालन हेतु कानून का होना आवश्यक है, कायदे-कानून से ही समाज चलता है।

अधिकार के लिये सभी व्यक्ति जागरूक रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्य का पालन जिम्मेदारी पूर्वक करना चाहिए। जिससे किसी भी व्यक्ति के अधिकार का हनन नहीं होगा। उन्होंने बालकों के लैंगिक अपराधों के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है वे बालको की श्रेणी में आते है। पीड़ित बालकांे के प्रकरण विशेष न्यायालय में सुना जाता है।
मोटर दुर्घटना दावा अधिनियम की जानकारी देते हुये कहा कि लाइसेंस, वाहन के बीमा, वाहन का आरसी बुक के साथ ही वाहन संचालन करना चाहिए। ये तीनों यदि किसी व्यक्ति के पास नहीं हैं तो होने वाले दुर्घटना में उनको स्वयं ही अगले पीडित व्यक्ति को मुआवजा देना पड़ता है। गंभीर चोट या मृत्यु होने पर और भी अधिक क्षतिपूर्ति देना वाहन मालिक का जवाबदेह हो जाता है। बच्चों को मोबाइल का सीमित उपयोग किये जाने का सलाह देते हुये कहा कि स्मार्ट फोन का सदुपयोग किया जाए। बिना पढ़े कोई भी मैसेज फॉरवर्ड न करें। गलत मेसेज फारवर्ड करने पर साइबर कानून के तहत अपराधिक मामला पंजीबद्ध किया जा सकता है।
16 दिसम्बर 2023 को नेशनल लोक अदालत का होगा आयोजन


नेशनल लोक अदालत के आयोजन के सबंध में जानकारी देते हुये श्री चंद्रा ने कहा कि जिला एवं तहसील स्तर पर 16 दिसंबर को हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है जिसमें राजीनामा योग्य प्रकरणों का आपसी सहमति से निराकरण किया जा सकता है। छोटे शमनीय मामले, सिविल, चेक बाउन्स, मोटर दुघर्टना दावा प्रकरण, परिवार न्यायालय, श्रम न्यायालय एवं राजस्व न्यायालय व राजीनामा योग्य अन्य प्रकरण भी नेशनल लोक अदालत में शामिल हैं।

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