लापरवाह प्रबंधन से एसईसीएल को जन और धन हानि लगातार
कोरबा,14 अक्टूबर 2025 : एसईसीएल डीएसबी आजकल ज्यादा ही सुर्खियों में है, सूत्रों के अनुसार हाल ही में बिते 5 अक्टूबर को 250KW की 1000GPM तीन बड़ी पंप मोटरें डूबी जिसे चार्ज में रहे सेफ्टी आफिसर के द्वारा बड़ी सूझबूझ से दो पंप मोटरो को बचा लिया गया किन्तु यह एक-दो दिनों की ग़लती से नहीं हो सकती, कहीं न कहीं खान अभियंता और खान प्रबंधक भी जिम्मेदार है। मिली जानकारी अनुसार खान प्रबंधक ने 1 से 4 अक्टूबर छुट्टी पर रहे किन्तु 5 तारीख रविवार को पहुंच चुके थे, इस लापरवाही का परिणाम यह रहा कि लगभग करोड़ों की पंप मोटरें डूब गई ।ढेलवाडीह भूमिगत खदान में दिनांक 05/10/2025 को उत्पादन कार्य बंद था जिसके कारण सेफ्टी ऑफिसर/प्रभारी प्रबंधक द्वारा उक्त दिवस को श्री अभिजीत आवले पल्ली प्रभारी को रोस्टर ड्यूटी दिया गया था, फिर भी सेफ्टी ऑफिसर को जैसे ही पम्प तक पानी पहुंचने की खबर मिली तो अपने नैतिक जिम्मेदारी के कारण सेफ्टी ऑफिसर तत्काल खदान पहुंचे और खान अभियंता तथा अन्य कर्मचारियों से सहयोग लेकर 2 पम्प को मोटर सहित बचा लिया गया,जबकि 1 पम्प के बेस में पानी आ गया। पम्प तक पानी आने की खबर ढेलवाडीह खान प्रबंधक को भी दिया गया था, जो कि छुट्टी से लौटकर ढेलवाडीह पहुंच चुके थे, लेकिन रविवार का दिन होने के कारण इतना इमरजेंसी स्थिति होने पर भी खान प्रबंधक ढेलवाडीह द्वारा लापरवाही बरतते हुए खान परिसर में पहुंचना उचित नहीं समझा गया, अन्यथा हो सकता है कि तीसरा पम्प को भी बचाया जा सकता था, जिससे कंपनी को जो धन हानि हुई उसे बचाया जा सकता था। और इस तरह कही न कही खान प्रबंधक देलवाडीह द्वारा अपने नैतिक जिम्मेदारी का परिचय नहीं दिया गया बल्कि लापरवाही बरती गई जिससे कंपनी को धन हानि हुई।
कुछ दिन पहले बगदेवा माइन से कर्मचारी की खदान परिसर में हृदयाघात से मौत इसपर भी लापरवाही हुई ।
ध्यान देने वाली लापरवाहीयां :
1 ढेलवाडीह माइन में लगभग करोड़ों की 250KW की 1000GPM मोटर पंप का डूबना ।
2 ढेलवाडीह माइन के वर्कशॉप में कार्य के दौरान एक व्यक्ति का उंगली कटना ।
3 बगदेवा माइन में हृदयाघात से मौत – लगभग आधा से एक घंटे का समय अंदर से बाहर निकलने में समय लगता है , इस बीच जिस डॉक्टर को खदान परिसर में उपस्थित रहना चाहिए वो पहुंच नहीं पाए यहां तक की बगदेवा खदान से सीधे बांकी विभागीय अस्पताल लाया गया जबकि ढेलवाडीह में भी विभागीय अस्पताल है । 4 ढेलवाडीह माइन में कोयला छटाई का प्रचलन नहीं फिर भी लोग प्राइवेट लोगों से गाड़ीयों में छटाई करते और बगल में नीचे में बहुत छटाई किए हुए पत्थर और सेल सहज ही देखा जा सकता है ।
मुख्यालय बिलासपुर की कीतनी आदेशों का होता है पालन
जांच पड़ताल यदि रविवार ड्यूटी चार्ट की हो तो उसमें नीचे के कालम में केवल संख्या दर्ज़ है , नाम अंकित नहीं किया जाता विगत छः महीने की दर्ज़ संख्या वालों की पहचान की जाए डीपीआर, मैग्जीन और कांटाघर से ये 1 संख्या वाले कौन-कौन कर्मचारी हैं ?


ट्रकों में छटाई करने वाले और ड्युटी पर के नोडल अधिकारी जिनकी उपस्थिति में ये सब होता है, और सुरक्षा के इंतजाम नहीं होते, लिखित में छटाई का प्रचलन नहीं RTI में खुलासा हुआ फिर किसके सह पर हो रही छटाई इसकी भी जांच होनी चाहिए।

ढेलवाडीह के वर्कशॉप, फिल्टर प्लांट में काम कर रहे सभी कर्मचारियों की पहचान होनी चाहिए क्योंकि पिछले वर्ष मुख्यालय के पत्र पर पूछा गया था कि भूमिगत कर्मचारी में से कितने कर्मचारी सतह पर ड्यूटी कर रहे हैं, इससे स्पष्ट हो जाएगा कि मुख्यालय के आदेशो का पालन हो रहा है या नहीं यहां तक इनके कई कर्मचारी जैसे मैनिंग सरदार का भी हमने एक जानकारी ली जिसपर वह ड्यूटी पर केवल उपस्थिति दर्ज़ कराने के बाद घर की ओर रवाना हो जाते हैं और पूछे जाने पर अपना नाम झूठा बतलाते हैं !